हनुमान जी को प्रसन्न करना बहुत सरल है। राह चलते उनका नाम स्मरण करने मात्र से ही सारे संकट दूर हो जाते हैं। जो साधक विधिपूर्वक साधना से हनुमान जी की कृपा प्राप्त करना चाहते है उनके लिये मै हनुमान बिर ताबीज बना रहा हू l
वर्तमान युग में हनुमान साधना तुरंत फल देती है। इसी कारण ये जन-जन के देव माने जाते हैं। इनकी पूजा-अर्चना अति सरल है, इनके मंदिर जगह-जगह स्थित हैं अतः भक्तों को पहुंचने में कठिनाई भी नहीं आती है। मानव जीवन का सबसे बड़ा दुख भय'' है और जो साधक श्री हनुमान जी का नाम स्मरण कर लेता है वह भय से मुक्ति प्राप्त कर लेता है।
वर्तमान युग में हनुमान साधना तुरंत फल देती है। इसी कारण ये जन-जन के देव माने जाते हैं। इनकी पूजा-अर्चना अति सरल है, इनके मंदिर जगह-जगह स्थित हैं अतः भक्तों को पहुंचने में कठिनाई भी नहीं आती है। मानव जीवन का सबसे बड़ा दुख भय'' है और जो साधक श्री हनुमान जी का नाम स्मरण कर लेता है वह भय से मुक्ति प्राप्त कर लेता है।
“पंचवत्रं महाभीमं पंचदश नयनेर्युतम्"
हनुमान मन्दिर देशभर में सर्वत्र हैं। वे अजर-अमर, कल्पायु-चिरायु, कालजयी,
मृत्युंजयी, वत्सल, कल्पतरू, मंगलकर्ता
सर्वाभीष्ट प्रदाता है। उनकी उपासना, गुणगान, चर्चा, कथा देश-विदेशों में प्रचलित है। स्कन्दपुराण ब्रह्मखंड के वर्णनानुसार तथा तुलसीदास ने हनुमान चालीसा में उनके हाथ में वज्ज्, गदा, आयुध कहा है।
मृत्युंजयी, वत्सल, कल्पतरू, मंगलकर्ता
सर्वाभीष्ट प्रदाता है। उनकी उपासना, गुणगान, चर्चा, कथा देश-विदेशों में प्रचलित है। स्कन्दपुराण ब्रह्मखंड के वर्णनानुसार तथा तुलसीदास ने हनुमान चालीसा में उनके हाथ में वज्ज्, गदा, आयुध कहा है।
वैसे तो कलियुग में 33 करोड़ देवी.देवताओं की कल्पना की गयी हैं जिनमें
शिवए रामए कृष्णए दुर्गाए लक्ष्मीए गणेशए
पार्वती हनुमान आदि प्रमुख हैं। इनमें हनुमान की एकमात्रा ऐसे देवता हैं जिनकी पूजा करने से लगभग सभी देवी.देवताओं
की पूजा का एक साथ फल मिल जाता है। हनुमान साधना कलियुग में सबसे सरल और प्रभावी मानी जाती है। पौराणिक ग्रंथों में हनुमान जी को शिव जी का अंश कहा गया है l
शिवए रामए कृष्णए दुर्गाए लक्ष्मीए गणेशए
पार्वती हनुमान आदि प्रमुख हैं। इनमें हनुमान की एकमात्रा ऐसे देवता हैं जिनकी पूजा करने से लगभग सभी देवी.देवताओं
की पूजा का एक साथ फल मिल जाता है। हनुमान साधना कलियुग में सबसे सरल और प्रभावी मानी जाती है। पौराणिक ग्रंथों में हनुमान जी को शिव जी का अंश कहा गया है l
सभी हनुमत भक्त ये बात भली भाती जानते है "हनुमान जी की शक्ति अपरंम्पार है" परंतु कुछ लोग ये बात नही जानते जैसे हनुमान जी की एक तीव्र शक्ती जिसे मसानी शक्ती के रुप मे "हनुमान बिर"कहा जाता है.हनुमान जी बिरो के बिर है इसलिये उनका एक नाम "महाबिर" नाम से प्रचलित है.देवताओ की स्मशानी ताकतो को तंत्र मे "बिर" कहा जाता है और कोई भी काम बिर शीघ्र ही करवा देते है,उनको किसी भी काम को करने का कोई बंधन नही है.जैसे अन्य देवी/देवता की कृपा से इंसान का जीवन बदल सकता है परंतु कोई भी देवी/देवता मनुष्य के वश मे होकर काम नही करते.बिरो को वश मे करने का विधान शाबर विद्याओ मे बहोत प्रचलित है.बिरो को वश करके उनसे सभी प्रकार के काम किये जाते है जिसके लिये ज्यादा पुजा-पाठ करने की आवश्यकता नही होती है.बिर काम करने के बाद साधक से कुछ प्रसाद भी माँगते है जैसे हनुमान बिर से कोई भी काम करवाओ तो उन्हे प्रत्येक समय भेट स्वरुप नारियल और सिंदूर देना पडता और हम जो भेट चढाते है उसके बदले मे हनुमान बिर हमारा कोई भी काम तुरंत कर देते है.अभि कुछ दिनो पहिले मेरे पास कामाख्या शक्तीपीठ के एक तांत्रिक आये थे जिनका नाम है "कालीदास बाबा",उन्होने मुझे कोई काम बताया था और वो काम मै 3-4 घंटे के अंदर हनुमान बिर की कृपा से करवा दिया.ये सब देखकर वो आच्छर्यचकित हो गये और कहेने लगे "सुशील भाइ,येसा कौनसा तंत्र है आपके पास के जो काम मै 20-25 दिनो से पूर्ण करने मे लगा हुआ हू परंतु हो नही रहा था और आपने इतने शीघ्र कैसे करवा दिया?"
असल मे बाबा ने मुझे उनके भक्त को शराब की बुरी आदत छुडाने का काम दिया था और अब तक मै सेकडो लोगो की शराब हनुमान बिर के कृपा से छुडवा चुका हु.जब कलीदास बाबा को मैने हनुमान बिर के कार्यप्रणाली के बारे मे बताया तो वो मेरे से 7 हनुमान बिर ताबीज लेकर गये.कालीदास बाबा कामाख्या शक्तीपीठ के आस-पास के क्षेत्र मे प्रसिद्ध तांत्रिको मे से एक जबरदस्त तांत्रिक है.उनको मैने अच्छेसे बिर को चलाने का विधि-विधान समझाया जिससे वो बहोत खुश हुए.
असल मे बाबा ने मुझे उनके भक्त को शराब की बुरी आदत छुडाने का काम दिया था और अब तक मै सेकडो लोगो की शराब हनुमान बिर के कृपा से छुडवा चुका हु.जब कलीदास बाबा को मैने हनुमान बिर के कार्यप्रणाली के बारे मे बताया तो वो मेरे से 7 हनुमान बिर ताबीज लेकर गये.कालीदास बाबा कामाख्या शक्तीपीठ के आस-पास के क्षेत्र मे प्रसिद्ध तांत्रिको मे से एक जबरदस्त तांत्रिक है.उनको मैने अच्छेसे बिर को चलाने का विधि-विधान समझाया जिससे वो बहोत खुश हुए.
यह विद्या बहोत आसान है आपके लिये परंतु हनुमान बिर ताबीज बनाने वालो के लिये बडी जटिल क्रिया है.आपको सिर्फ छोटासा काम करना है जैसे मंत्र को याद करना है और मंत्र को याद करके 7 दिन तक मंत्र का 108 बार जाप करना है.अब सात दिनो मे किस तरहा से मंत्र को सिद्ध किया जाये तो इसका गोपनिय विधान मै आपको बता दुगा.हनुमान बिर ताबीज को हमेशा प्लास्टिक की डिबीया मे सिंदूर के साथ सम्भाल के रखना है और जब भी हनुमान बिर से काम करवाना हो तब चावल के कुछ दानो मे सिंदूर+केवडे का इत्र मिलाकर मंत्र का 11 बार जाप करके चावल हनुमान बिर ताबीज पर चढाना है.यह विधान करने के बाद हनुमान बिर की कृपा से कार्यसिद्धी होती है और काम पूर्ण होने के बाद हनुमान बिर को नारियल+सिंदूर अर्पित करे ताकि उनके कृपा से आगे भी जीवन मे कार्यसिद्धी होता रहे.हनुमान बिर ताबीज 1150/- रुपये के मूल्य मे आपको प्राप्त होगा.इस ताबीज का शुल्क बहोत कम है वो इसलिये ताकी आपको जिवन मे अन्य लोगो की सहय्यता करने का लाभ प्राप्त हो.मै अगर यही ताबीज 11 हजार मे दु तो बहोत कम ही लोग इसे प्राप्त कर सकेगे जिससे हमारे समाज मे सामाजिक कल्याण कम तौर पर घटित होगा और कम मूल्य मे दे देता हु तो ज्यादा-से-ज्यादा लोग हनुमान बिर की कृपा प्राप्त कर सकेगे.
यहा हनुमान बिर का मंत्र दे रहा हु जो मराठी भाषा मे है,कृपया इसे हनुमान बिर ताबीज को प्राप्त करने से पहिले याद करके रखिये.
हनुमान बिर मंत्र:-
ll बि.र.र. गणा न गणपती सारजा सरस्वती,सारजा सरस्वती न काय केल?डाग डुबला,डाग डुबल्याची काजल आणली,शिरी कुंकवाची चिरी ल्याली,ये अंजनिच्या पुता,रामाच्या दुता,आमचे काम सिद्ध करावे,नाही करशिल तर राम-लक्ष्मणाची आण,सिता जानकीची आण,सिद्धांशी गुरू छू वाचापुरी ll
बि.र.र.का अर्थ मै बता दुगा और तब तक आप बिना "बि.र.र."का उच्चारण किये मंत्र को याद करके रखिये.
0 Reviews:
Post Your Review